16-17 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा। ग्रहण वाले दिन गुरु पूर्णिमा भी है। यह ग्रहण खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा। इससे अलावा इस ग्रहण में ही सावन महीने की शुरुआत भी होगी। 16 जुलाई की रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा, मध्य तीन बजे व मोक्ष रात 4.30 बजे होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में कुल मिलाकर 2 घंटे 59 मिनट होगा। चंद्र ग्रहण धनु राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होगा।
सूतक का समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्र ग्रहण लगता है तो सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। वहीं जब सूर्य ग्रहण लगता है तब सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। 16 जुलाई की रात को चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल दोपहर 1.30 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण की समाप्ति 17 जुलाई की सुबह 4:31 मिनट पर होगी। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद होने के साथ ही सिर्फ भगवान की भक्ति ही की जाती है।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, जापान, चीन, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप में दिखाई देगा।
इन राशियों पर होगा असर
यह ग्रहण धनु राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आरम्भ हो रहा है और मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में समाप्त होगा। इस ज्योतिष गणना के लिहाज से यह खण्डग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र वाले जातकों के अलावा धनु और मकर राशि वाले व्यक्तियों के लिए परेशानी ला सकता है।
इसके अलावा मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ नहीं रहेगा।
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Chandra Grahan (Lunar Eclipse) 2019 |
सूतक का समय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब चंद्र ग्रहण लगता है तो सूतक ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। वहीं जब सूर्य ग्रहण लगता है तब सूतक ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाता है। 16 जुलाई की रात को चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल दोपहर 1.30 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण की समाप्ति 17 जुलाई की सुबह 4:31 मिनट पर होगी। सूतक काल में मंदिरों के पट बंद होने के साथ ही सिर्फ भगवान की भक्ति ही की जाती है।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया, जापान, चीन, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप में दिखाई देगा।
इन राशियों पर होगा असर
यह ग्रहण धनु राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में आरम्भ हो रहा है और मकर राशि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में समाप्त होगा। इस ज्योतिष गणना के लिहाज से यह खण्डग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र वाले जातकों के अलावा धनु और मकर राशि वाले व्यक्तियों के लिए परेशानी ला सकता है।
इसके अलावा मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या और वृश्चिक राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ नहीं रहेगा।
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